शुरू में Chandro Tomar के घर वालों ने उनके इस हुनर का विरोध किया ,लोग उन्हें फौज में भर्ती होने की हिदायत देकर तंज कस्ते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने जज्बे को कायम रखा।
शूटर दादी ने अब तक 25 से अधिक राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लिया है और 25 से अधिक राष्ट्रीय ख़िताब अपने नाम किये हैं, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। शूटर दादी से प्रेरित होकर युवा वर्ग उनके पास ट्रेंनिंग के लुए आते हैं ,और दादी उनके हुनर को निखारने में उनकी मदद करती हैं।
Chandro Tomar ने दिल्ली में आयोजित शूटिंग प्रतियोगिता में तत्कालीन डीआईजी को हराकर पहला राष्ट्रीय ख़िताब अपने नाम किया।लेकिन डीआईजी सहाब ने रिवोल्बर दादी के साथ फोटो खिचवाने से मना कर दिया उन्होंने कथित तोर पर टिप्पड़ी की 'क्या तस्वीर है, मुझे एक महिला द्वारा अपमानित किया गया है।
Chandro Tomar: जीवनी
चंद्रो तोमर का जन्म उत्तर प्रदेश के शामली के जाट परिवार में हुआ और अब वह जोहरी बाघपत में रहती हैं। उनके 8 बच्चे हैं और 15 पोते हैं। Chandro Tomar की पोती यह जानना चाहती थी की जोहरी राइफल क्लब में कैसे शूट किया जाये। Chandro Tomar की पोती अकेले जाने से दर गई थी इस लिए अपनी पोती के साथ Chandro Tomar को जाना पड़ा शौक -शौक में तोमर ने पिस्तौल उठाई और शूट कर दिया Chandro Tomar का निशाना इतना सटीक था की कोच भी यह देखकर हैरान रह गया और उन्हें शूटिंग में हाथ आजमाने की सलाह दी। वह हफ्ते में एक दिन क्लब में प्रैक्टिस के लिए जा पति थीं , और बाकि के घर के कामों में ही निकल जाया करते थे। लेकिन समय मिलने पर वह अपने घर पर प्रैक्टिस किया करती थीं। और उन्होंने वो कर डाला जिसे जो उनकी उम्र की महिला ने दुनियां में नहीं किया और बाह oldest woman in the world बन गईं।
चंद्रो तोमर oldest woman in the world शार्प शूटर हैं। और लोग उन्हें indian grandmother और शूटर दादी के नाम से भी जानते हैं।
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